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अष्टमंगल यंत्र
₹ 2,501.00
Description
- एक अत्यधिक शुभ यंत्र जो उपयोगकर्ता के लिए अपार सफलता, धन और खुशी लाता है।
- आस्था का अर्थ है आठ और मंगला का अर्थ है शुभ।
- आठ (8) को शास्त्रीय भारतीय साहित्य के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण संख्या माना जाता है।
- वास्तु में 8 दिशाओं को माना जाता है जो उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम एनई (ईशान्या), एसई (अग्नि), एसडब्ल्यू (नेऋ त्य) हैं।
- वास्तु मंगल में आठ शुभ पवित्र प्रतीक होते हैं जो गहरे आध्यात्मिक महत्व रखते हैं।
- ये प्रतीक सभी दिशाओं से सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं।घर को नकारात्मक ऊर्जा ओं से बचाने और सकारात्मक लोगों को आकर्षित करने के लिए वास्तु मंगल को दरवाजे के ऊपर रखा जा सकता है।
- आठ वास्तु प्रतीक स्वस्तिक, श्री वत्स, कलश, भद्रासन, नंदावर्त, वर्धमानक, मछली युगल और दर्पण हैं।
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