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मंगल दोष विधान
मंगल दोष (Mangal Dosha) एक ज्योतिषीय दोष है जिसे विवाह कुंडली मिलान करते समय ध्यान में रखना जरूरी माना जाता है। इस दोष को मंगल ग्रह (आरिस्ट्रीज और मॅर्स के रूप में भी जाना जाता है) के दशम भाव (कर्म भाव) में स्थित होने पर प्राप्त होता है। इस दोष को मंगली दोष या चेवई दोष के रूप में भी जाना जाता है।
मंगल दोष के लक्षण:
- मंगल दोष वाले व्यक्ति के व्यवसाय में असफलता हो सकती है।
- विवाहित जीवन में तनाव और मनमुटाव हो सकता है।
- कुंडली मिलान के दौरान मंगल दोष वाले का विवाह दोषी पति या पत्नी के मृत्यु से हो सकता है।
- दाम्पत्य संबंधों में तनाव और विवाद हो सकते हैं।
मंगल दोष के उपाय:
- मंगल दोष से प्रभावित व्यक्ति को श्री गणेश और हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए।
- दोष से मुक्ति के लिए बुधवार और शुक्रवार को फलाहार (फल और शाकाहारी आहार) करना चाहिए।
- मंगल दोष के प्रभाव से छुटकारा पाने के लिए विवाह के लिए मंगलवार को व्रत रखना चाहिए।
- गोमेद (हेसोनाइट) रत्न धारण करने से भी मंगल दोष का प्रभाव कम होता है।
- कुंडली मिलान करने से पहले, मंगल दोष वाले को कुंडली मिलान विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए और उनके द्वारा दिए गए उपायों का पालन करना चाहिए।
कृपया ध्यान दें कि ज्योतिष एक विज्ञान नहीं है और इसमें दिए गए उपायों का असर व्यक्ति से व्यक्ति भिन्न हो सकता है। आपको इन उपायों को अपने वैदिक ज्योतिष विशेषज्ञ से संपर्क करके करना चाहिए जो आपके व्यक्तिगत स्थिति के अनुसार उपायों का सुझाव दे सकते हैं।