चांदाल दोष विधान

“चांदाल दोष” एक प्राचीन हिंदू धर्म की धार्मिक धारणा है, जिसमें किसी व्यक्ति को उसके गुणों और कर्मों के आधार पर समाज में निचली वर्ग में रखा जाता है। इस धारणा के अनुसार, व्यक्ति के जन्म और जाति परिवर्तन के आधार पर उसे समाज में अलग-थलग किया जाता है और उसे निम्न वर्ग के व्यक्ति के रूप में समझा जाता है। यह धारणा विभिन्न समाजों में भिन्न-भिन्न रूपों में पाई जाती है।

इस धारणा का विरोध करने वाले कहते हैं कि यह एक अवैध, अधिकारहीन और अन्यायपूर्ण धारणा है जो व्यक्ति को उसके अधिकारों से वंचित करती है। इसके अनुसार एक व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर नकारा जाना चाहिए, न कि उसके जन्म और जाति के कारण।

चांदाल दोष के उपाय:

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