वास्तु शास्त्र न केवल दिशाओं का विज्ञान है, बल्कि इसमें देवताओं की ऊर्जा का भी विशेष महत्व है। प्रत्येक दिशा विशेष देवता से जुड़ी होती है, और अगर उस दिशा का सही उपयोग किया जाए तो जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और स्वास्थ्य बना रहता है।
इस लेख में हम चार प्रमुख वास्तु देवताओं – वायु, कुबेर, ईशान और चंद्र देव की स्थिति और उनके महत्व का वर्णन करेंगे।

🌬️ 1. वायु देव (Vayu Dev) – उत्तर-पश्चिम दिशा (North-West)

🔹 स्थिति: उत्तर और पश्चिम दिशा के मिलन स्थान, यानी उत्तर-पश्चिम कोण में वायु देव का स्थान होता है।
🔹 प्रभाव: वायु देव जीवन में गति, संचार, विचार और प्राणवायु का प्रतीक हैं।
🔹 उपयोग: इस दिशा में गेस्ट रूम, संचार कार्यालय, वायविक यंत्र, या वायुमार्ग से संबंधित कार्य करना शुभ होता है।
🔹 असंतुलन होने पर: मन में चंचलता, अस्थिरता और परिवार में मतभेद बढ़ सकते हैं।

💰 2. कुबेर देव (Kubera Dev) – उत्तर दिशा (North)

🔹 स्थिति: उत्तर दिशा के स्वामी कुबेर देव हैं, जो धन और समृद्धि के देवता माने जाते हैं।
🔹 प्रभाव: कुबेर देव के अनुकूल होने से व्यापार, धन संचय और आर्थिक प्रगति में वृद्धि होती है।
🔹 उपयोग: इस दिशा में तिजोरी, कैश काउंटर, बिजनेस कंसल्टेंसी, या वित्तीय दस्तावेजों को रखना अत्यंत शुभ माना जाता है।
🔹 असंतुलन होने पर: अनावश्यक खर्च, धन की हानि, आर्थिक संकट और व्यापार में नुकसान हो सकता है।

🧘‍♂️ 3. ईशान कोण (Ishan Dev) – उत्तर-पूर्व दिशा (North-East)

🔹 स्थिति: उत्तर और पूर्व के संगम स्थल को ईशान कोण कहते हैं, जहां भगवान शिव या ईशान देव का वास माना गया है।
🔹 प्रभाव: यह स्थान आध्यात्मिक ऊर्जा, शुद्धता, ज्ञान और मानसिक शांति का केंद्र होता है।
🔹 उपयोग: यहां पूजाघर, ध्यान स्थल, या पवित्र जल स्रोत होना चाहिए।
🔹 असंतुलन होने पर: मानसिक तनाव, शारीरिक अस्वस्थता और बाधाएं जीवन में बढ़ सकती हैं।

🌙 4. चंद्र देव (Chandra Dev) – पश्चिमोत्तर (North-West के निकट)

🔹 स्थिति: वास्तु में चंद्र देव का स्थान आमतौर पर उत्तर-पश्चिम दिशा के आसपास माना गया है, विशेष रूप से जब वह भावनाओं और रिश्तों से जुड़ा हो।
🔹 प्रभाव: चंद्रमा मन का कारक होता है। यह भावनाओं, रिश्तों और सौम्यता का प्रतीक है।
🔹 उपयोग: इस दिशा में महिलाओं का कमरा, मेहमानों का कक्ष, या सजावट संबंधी वस्तुएं रखना शुभ होता है।
🔹 असंतुलन होने पर: मानसिक अस्थिरता, अनावश्यक चिंता और पारिवारिक संबंधों में दूरी हो सकती है।

🏡 संतुलन ही सफलता है

वास्तु देवताओं की सही दिशा और उपयोग से घर में ऊर्जा का संतुलन बना रहता है। जीवन में समृद्धि, सुख और शांति बनाए रखने के लिए इन चार प्रमुख देवताओं की दिशा का सम्मान और सही प्रयोग अत्यंत आवश्यक है।